Swagat Nanda poems

बन्द हूँ कलम में श्याहि की तरह कुछ व्यक्त करूँ तो मुक्त बनूँ फिर भी बंधन से छूट कहाँ कलम छोड़ काग़ज़ से बंधूँ बन्धन तो बस सोच में हे हूँ कलम में तो सम्भावना हूँ हूँ काग़ज़ पे तो अभिब्यक्ति बनूँ

by Swagat Nanda - 10 episodes

Suggested Podcasts

Madhavi Srivastava

Geetika

GAURAV VYAS

Swati Rai Tiwari

Aditya Jha

livehindustan - HT Smartcast

HT Health Shots - HT Smartcast

livehindustan - HT Smartcast

livehindustan - HT Smartcast

livehindustan - HT Smartcast