Mahishasuramardini-10

जय जय जप्य-जयेजय-शब्द-परस्तुति-तत्पर-विश्वनुते भण-भण-भिञ्जिमि-भिङ्कृत-नूपुर-सिञ्जित-मोहित-भूतपते । नटित-नटार्ध-नटीनट-नायक-नाटित-नाट्य-सुगानरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १० ॥

2356 232