महिला उद्यमियों के लिए मददगार माहौल के सृजन का प्रयास
भारत में कुल उद्यमियों में महज़ 14 फ़ीसदी महिलाएं हैं. इनमें भी अधिकांश सूक्ष्म और लघु उद्योग हैं जिनमें बाहरी वित्तीय मदद के अभाव में उन्होंने ख़ुद निवेश किया है. लैंगिक भेदभाव और सामाजिक व सांस्कृतिक अवरोध अक्सर उद्यमों में महिलाओं की प्रगति के रास्ते में आड़े आते हैं. साथ ही ज्ञान, प्रशिक्षण, बाज़ार व्यवस्था और वित्तीय संसाधनों तक पहुंच का ना होना भी उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है.