एक अलग ब्रम्हाण्ड है
(अल्लहड़ बनारसी और रमती बंजारन) जिसके (लेखक शरद दुबे) और (वक्ता RJ रविंद्र सिंह) है !एकअलग ब्रम्हाण्ड है ये एक अलग ब्रम्हाण्ड है बनारस जो उसका नाम है!जहा केवल झुकि मन्दिर गंगा मे पायी जाती हो !!जहा मन्दिरों से स्वयं मिलने गंगा भी आती हो !जहा मोच्छ कि कामना लेकर के यहा पर आते हो !!मोच्छ पाने के लिये आकर यहा बस जाते हो ! ये एक अलग ब्रम्हाण्ड है बनारस जो उसका नाम है!!जहा घाटो कि शृँखला मे आरती सुनाती हो !जहा दिपको कि शृँखला से शाम चलकर आती हो !!जहा आरती के नाम पर घाटो पर जनता आती हो! सुबह घाटो से नया अनुभव करवाती हो !! ये एक अलग ब्रम्हाण्ड है बनारस जो उसका नाम है!सुबह और शाम घाटो से ही जानी जाती हो !!शाम होते ही लोग घाटो तक टहलने आते हो !नाविक नाव पर मरने का सुख बतलाते हो !!इस शहर को गायक ज़िन्दा शहर बतलाते हो !!जहा घाटो के नाम कि शृँखला पर फिल्म बनाते हो ! ये एक अलग ब्रम्हाण्ड है बनारस जो उसका नाम है!i