Episode 4 | मैं हूं तुम्हारे साथ, सदा तुम्हारे पास | एक सुनहरी शाम
एक सुनहरी शाम,अपनी आंखों को मूंदकर, जब देखा अपनी जिंदगी को पीछे मुडकर,तब लगा, जाने कितने अनगिनत क्षण जिंदगी मे आए,जब मन पर छाए दुख के घनेरे साए,लगता था -अब नहीं सहन कर पाऊंगी ,बस टूट ही जाऊंगी ,छिन छिन बिखर जाऊंगी ...