Motivational Speech Prahakar more प्रेरक बातें - प्रभाकर मोरे भाग – 13
Prabhakar more voice over Artist (born 22 December 1960 in Indore city, Madhya Pradesh) is an Indian Voice Over Artist, Actor, singer and expert of anchor. He is also producer and writer of many television programs.He has leading voice in more than 150 advertisements, documentaries, corporate films, feature films, television & Radio commercials, music albums CDs. Apart from voice over, he is hosting public events since 1983s.सही कहते हैं कि जब आप दिल से किसी लक्ष्य के लिए प्रयास करते हैं तो प्रकृति भी उस तक पहुंचने में आपकी मदद करती है। मुश्किलें तो मार्ग में आती हैं लेकिन वे कुछ पाने की चाह से बढ़कर नहीं हो सकती।' यह कहना है मंच संचालक, रेडियो पर कई वर्षों तक कैजुअल अनाउंसर के रूप में कार्य कर चुके प्रभाकर मोरे का, जो आज भी अपनी आवाज से पहचान कायम किए हुए हैं। यूं तो प्रभाकर सहायक वाणिज्यकर अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हैं लेकिन इनकी पहचान इससे ज्यादा मंच संचालक, वाइसओवर आर्टिस्ट, पूर्व कैजुअल अनाउंसर निर्देशक और अभिनेता के रूप में है। कई शार्ट फिल्म, डाक्यूमेंट्री में वाइसओवर कर चुके प्रभाकर का यह सफर 1983 से शुरू हुआ था। प्रभाकर बताते हैं कि जब वे छोटे थे तब मां को रेडियो सुनते देख यह सोचा करते थे कि मैं भी रेडियो की दुनिया में जाऊंगा। अपनी आवाज तो बेहतर थी ही और जब अमिताभ बच्चन की आवाज ने मन पर प्रभाव डाला और उन्हें सुनकर अपने कहने के अंदाज में और भी इजाफा किया। साथियों ने रेडियो पर जाने की बात कही तो मानों दिल की आवाज बाहर से भी आने लगी। पर एक वक्त वह भी था जब रेडियो पर साक्षात्कार देने के बाद मुझे अनाउंसमेंट करने से मना कर दिया गया पर मैंने हार नहीं मानी। युववाणी के जरिए रेडियो की दुनिया में प्रवेश ● मिला और बाद में कैजुअल अनाउंसर बन गया। दोबारा शुरू हुआ सफर: प्रभाकर बताते हैं 2020 में मुझे ब्रेन स्ट्रोक हुआ तो आवाज थोड़ी खराब हो गई। यह वक्त मेरे लिए बहुत मुश्किलभरा था लेकिन मैंने दोबारा अपने सफर की शुरुआत की। सतत रियाज की बदौलत अब फिर संचालन करने लगा हूं। हालांकि अभी भी सुधार की और भी गुंजाइश है। आवाज और कहने के अंदाज को बेहतर बनाने के लिए ओम का उच्चारण, सांसों पर नियंत्रण का अभ्यास, हारमोनियम पर सारेगामा का रियाज करना बहुत जरूरी है। हर अनाउंसर को गायन सीखना जरूरी है ताकि वह आवाज के उतार-चढ़ाव के बारे में जान सके और आवाज में संतुलन बनाए रख सके