श्रीमद्भगवद्गीताके तीसरे अध्याय " कर्म योग "की सरल व्याख्या

गीता के तृतीय अध्याय के पाठ से  पितरों का उद्धार होता है। काशी जाने का जो प्रयोजन होता है, वह प्रयोजन गीता के तृतीय अध्याय के पाठ से भी सिद्ध हो जाता है।

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