Ibadat

यु ही नहीं, मेरा क़लम बस एक शख्श के लिए ही चलता है.. मौका कुछ खास हो तो सुर भी दिल से निकलता है.. दुनिया में उल्फत का यही दस्तूर होता है, दिल से जिसे चाहो वही हमसे दूर हो जाता है, दिल टूट कर बिखरता है इस कदर जैसे, काँच का खिलौना टूट के चूर-चूर होता है.. बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ, कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत.. मेरा तो बस अब एक ही ख्वाइश है कि वो जहा भी रहे खुश रहे और में निकाल परुगा किसी अनजान राह पर, फिर चल परूगा जहा तकदीर ले जाए.. क्या आपने कभी किसीसे मोहब्बत किया है..? नहीं किया तो कोई बात नहीं पर अगर किया है तो सुनते रहीए मेरे साथ "इबादत", क्या पता शायद आपकी कहानी भी इससे मिल जाए..

by Prayan Goswami - 2 episodes

Suggested Podcasts

Josh Talks

Rahul

©️ Voice Adda

Aahan Ashish

abhinav vats

Sounak Mukherjee

Kajal lunkad